चंद्रयान 3 का कमाल भारत रचेगा इतिहास चंद्रयान 3 अपनी 3.84 लाख किलोमीटर की यात्रा पर निकल चूका है अब उसे पहुचने में 42 दिन लगेगे LVM-3 राकेट ने इसे 179 किलोमीटर की ऊंचाई पर छोड़ दिया है अब आगे की यात्रा चंद्रयान – 3 खुद करेगा 23 से 24 अगस्त तक चंद्रयान-3 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के स्पेस से शुक्रवार दोपहर 2.35 बजे लॉन्च किया गया था
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चंद्रयान 3 मिशन विक्रम लैंडर सफलतापूर्वक अलग हो चुका है अब चंद्रयान 3 मिशन सफलतापूर्वक 23 अगस्त को चंद्रमा पर उतरेगा अब चंद्रयान 3 का लैंडर विक्रम सफलतापुर्वक अतरिक्ष यान से अलग हो चुका है अब 23 अगस्त को चंद्रमा पर उतरने की उमीद है इस बार चंद्रयान-3 को LVM3 राॅकेट ने जिस आब्रिट में छोड़ा है वहा 170×36,500 किलोमीटर वाली अंडाकार जियोसिक्रोंनस ट्रासफर आब्रिट (GTO) है पिछली बार चंद्रयान 2 के समय 45,475 किलोमीटर की कक्षा में भेजा गया है इस बार यह कक्षा इसलिए चुनी गयी है ताकि चंद्रयान 3 से जादा स्थिरता प्रदान की जा सके
चंद्रयान 3 में क्या खास है?
चंद्रयान 3 के मिशन का महत्व यह है अपने असफल पूर्ववर्ती के विपरीत, चंद्रयान -3 मिशन का महत्व यह है कि प्रोपल्शन मॉड्यूल में चंद्र कक्षा से पृथ्वी का अध्ययन करने के लिए रहने योग्य ग्रह पृथ्वी का एक पेलोड – आकार – स्पेक्ट्रो-पोलरिमेट्री है।
चंद्रयान 3 वापस कब आयेगा?
भारतीय अतरिक्ष अनुसधान (ISRO) ने चंद्रयान 3 को आज यानी शुक्रवार 14 जुलाई 2023 को 02:35:17 बजे इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अतरिक्ष केंद्र के दिव्तीय प्रमोचन मच से लांच कर दिया है
चंद्रयान 3 में 40 दिन कैसे लगेगे?
चंद्रयान 3 में 40 दिन इसलिए लगेगे क्योकि चंद्रयान-3 को पांच चकर धरती के चारो और लगाना था फिर लम्बी दुरी की लूनर ट्राजिट ऑर्बिट में यात्रा करनी है इसके बाद वह चंद्रमा के चारो तरफ कक्षाए बदलेगा
चंद्रयान 3 अभी कहां है?
चंद्रयान-3 मिशन फिलहाल चंद्रमा के चारों ओर 153 किमी x 163 किमी की कक्षा में है